अति-लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
1 अंक वाले प्रश्न:
1. रोलेट एक्ट कब लागू हुआ ?
उत्तर - 1919 में |
2. गाँधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे ?
उत्तर - 1915 |
3. “जलियावाला बाग हत्याकाण्ड “ कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर - 13 अप्रैल 1919 में , अमृतसर ।
4. ‘इनलैण्ड एमिगे्रशन एक्ट’ क्या था ?
उत्तर - बगानों में काम करने वाले मजदूरों को इस एक्ट के तहत बिना इजाजत बगान से बाहर जाने की अनुमती नहीं थी ।
5. गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन कब और किस घटना से वापस लिया ?
उत्तर - 1922 में , चैरीचैरा की घटना ने गाँधी जी को बहुत ही विक्षुब्ध किया जिसमें भारतीय क्रांतिकारियों ने चैरीचैरा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी ।
7. खिलाफत आंदोलन कब और किसके द्वारा शुरू किया गया ?
उत्तर - 1919 में शौकत अली और मुहम्मद अली ने।
प्रश्न - काग्रेस में समाजवादी विचारधारा लाने वाले दो नेताओं का नाम बताइए।
उत्तर -
1. जवाहर लाल नेहरू
2. सुभाष चन्द्र बोस
प्रश्न 8: गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन कब और किस घटना से वापस लिया ?
उत्तर: 1922 में, चौरीचौरा की घटना ने गांघी जी को बहुत ही विक्षुब्ध किया जिसमें भारतीय क्रांतिकारियों ने चौरीचौरा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी | कई पुलिस वाले मारे गए |
प्रश्न 9: स्वराज पार्टी का गठन किसने किया ?
उत्तर :
प्रश्न 10: पिकेटिंग का क्या अर्थ है ?
उत्तर : प्रदर्शन या विरोध का एक ऐसा स्वरुप जिसमें लोग किसी दुकान, फैक्ट्री, दफ्तर के भीतर जाने का रास्ता रोक लेते हैं |
प्रश्न 11: पूर्ण स्वराज की माँग कब और कहाँ की गई ?
उत्तर : पूर्ण स्वराज की माँग 1929 में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में काग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में की |
प्रश्न 12: डॉo अम्बेडकर ने दलितों के लिए कौन सी एसोसिएशन को संगठित किया और कब ?
उत्तर : डॉ० आंबेडकर में 1930 में दलितों के लिए दमित वर्ग एसोसिएशन बनाया |
प्रश्न 13: वंदेमातरम् गीत के रचयिता कौन थे ?
उत्तर : बंकिम चन्द्र चटर्जी |
प्रश्न 14: वैध्य शासन व्यवस्था का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
प्रश्न 15: खिलाफत आन्दोलन कब और किसके द्वारा शुरू किया गया ?
उत्तर: खिलाफत आन्दोलन 1919 में दो भाइयों शौकत अली और मुहम्मद अली के द्वारा शुरू किया गया |
प्रश्न 16: भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर : 1885 ई० में ए० ओ० ह्युम ने किया था |
प्रश्न 17: 1920 के कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा लिया गया कोई एक महत्वपूर्ण फैसला बताइए |
उत्तर : इस अधिवेशन में कांग्रेस और मुस्लिम लीग द्वारा असहयोग एवं खिलाफत आन्दोलन चलाने का फैसला लिया गया |
प्रश्न 18 : सत्याग्रह का अर्थ बताइए |
उत्तर : सत्याग्रह का अर्थ सत्य के लिए आग्रह करना| यदि उद्देश्य सच्चा है और अन्याय के खिलाफ है तो उत्पीडन के खिलाफ मुकाबला करने के लिए शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है |
प्रश्न 19: बेगार का अर्थ बताइए |
उत्तर : बिना किसी पारिश्रमिक (मेहनताना) के किसी के काम करवाना बेगार कहलाता है |
प्रश्न 20 : गिरमिटिया मजदुर किसे कहते हैं ?
उत्तर : औपनिवेशिक शासन के दौरान बहुत सारे लोगों को काम के लिए फिजी, गुयाना, वेस्टइंडीज आदि स्थलों पर ले जाया गया जिन्हें बाद में गिरमिटिया कहा जाने लगा | जिस अनुबंध के अंतर्गत उन मजदूरों को बाहर ले जाया जाता था उसे गिरमिट कहते थे |
प्रश्न 21 : पूना पैक्ट में किन दो नेताओं के बीच समझौता हुआ ?
उत्तर : डॉ० भीम राव अम्बेडकर और महात्मा गाँधी के बीच ?
प्रश्न - महात्मा गाँधी द्वारा किसानों के पक्ष में आयोजित किए गए दो मुख्य सत्याग्रहों का नाम बताइए।
उत्तर -
1. गाँधी जी ने बिहार के चम्पारण के किसानों के सहयोग से सत्याग्रह प्रारम्भ किया और किसानों को उग्र खेती प्रणाली के विरूद्ध प्रेरित किया ।
2. गाँधी जी ने गुजरात के खेडा जिला के किसानों के पक्ष में सत्याग्रह किया जो फसल न होने के कारण , प्लेग और महामारी के कारण भू राज्स्व नहीं दे सके थे ।
प्रश्न - गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं के नाम लिखिए और राष्टीªय आंदोलन में गदर पार्टी की क्या भूमिका थी ?
उत्तर - गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं के नाम थे रासबिहारी बोस , लाला हरदयाल , मैडम कामा और राजा महेन्द्र प्रताप ।
1. इस पार्टी के नेताओं ने विदेशों में अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध जनमत तैयार किया ।
2. गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं ने रास्ट्रीय आंदोलन में बढ चढ कर भाग लिया ।
प्रश्न - भारतीय नेताओं के 1919 में राॅलेक्ट एक्ट के विरोध करने के क्या कारण थे ?
उत्तर -
1. इस कानून ने अंग्रेजी सरकार को यह शक्ति दे दी थी कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाये जेल में डाल दे ।
2. उसके लिए किसी वकिल दलील और अपील की अनुमति नहीं थी ।
3. यह कानून भारतीयों को उत्पिडित करने के उदेश्य से लाया गया था ।
4. अंग्रेजी शासन राॅलेक्ट एक्ट लाकर स्वतंत्रता संग्राम की लहर को दबाना चाहती थी ।
प्रश्न: भारतीयों ने साइमन कमीशन का विरोध क्यों किया ?
उत्तर - भारतीयों द्वारा साइमन कमीशन का विरोध किए जाने के निम्नलिखित कारण थें:-
1. इस कमीशन में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था ।
2. इस कमीशन की धाराओं में भरतीयों को स्वराज्य दिए जाने का कोई जिक्र नहीें था।
प्रश्न - अंगे्रजो द्वारा साइमन कमीशन को लाने के क्या उदेश्य थे ?
उत्तर - अंगे्रजो द्वारा साइमन कमीशन को लाने के निम्नलिखित उदेश्य थे:-
1. 1919 के गर्वनमेंट आॅफ इंडिया एक्ट की समीक्षा की जा सके ।
2. यह सुझाव दिया जा सके कि भारतीय प्रशासन में कौन से नए सुधार लाया जा सके
3. भारत में पैदा तत्कालीन राजनीतिक गतिरोध को दूर किया जा सके ।
प्रश्न - पूना पेक्ट क्या हैं ? इस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखों ।
उत्तर - महात्मा गांधी ने ब्रिट्रिश निर्णयों के विरूद्ध जेल में रहते हुए अनिश्चितकालीन उपवास रख लिया था जिससे सारे देश में हलचल मच गई थी । अपने प्रिय नेता के प्राणरक्षा के लिए मदन मोहन मालवीय जैसे नेताओं ने डाॅक्टर भीमराव अम्बेडकर से दलितों के पृथक निर्वाचन क्षेत्र की मार्ग छोड़ देने की आग्रह की । इस विषय पर दोनो पक्षों में 25 सितम्बर 1932 को एक समझौता हुआ जिसे पूना पेक्ट कहा गया ।
प्रश्न - गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फेसला क्यों किया ?
उत्तर - गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लिए जाने के निम्नलिखित कारण थे:-
1. चैरी - चैरा के घटना से गाँधीजी काफी परेशान हो उठे जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि लोगों को वे अब शांत नहीं रख सकेगें।
2. वे सोचने लगे कि यदि लोग हिंसक हो जाएगें तो अग्रेंजी सरकार भी उत्तेजित हो जाएगी जिससे र्निदोष लोग भी मारे जाएगें ऐसे मेे उन्होनें 1922 मेें इस आंदोलन को वापस लेना ही उचित समझा ।
प्रश्न - खिलाफत और असहयोग आंदोलन से क्या तात्पर्य हैं ? इस आंदोलन के प्रमुख नेताओं के नाम लिखों ।
उत्तर -
खिलाफत आन्दोलन: खिलाफत आंदोलन दो अली भइयों (मोहम्द अली और शौकत अली) ने 1919 में शुरू किया क्योंकि मित्र राष्ट्रों ने तुर्की को पराजित करके उसकी बहुत सी बस्तियों को आपस मे बडे अन्यायपूर्ण ढंग से बाँट लिया था । कांगे्रस के नेताओ ने इन अली भइयों का पूर्ण साथ दिया ।
असहयोग आंदोलन: सन् 1920 में अंग्रजी सरकार के अत्याचार पूर्ण व्यवहार अन्यायपूर्ण बर्ताव का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने महात्मा गाँधी और मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में एक अन्य आंदोलन शुरू किया जिसे असहयोग आंदोलन के नाम से जाना गया । इस आंदोलन के प्रमुख नेताओं के नाम:- मोहम्द अली और शौकत अली , महात्मा गाँधी और मोतीलाल नेहरू आदि थें ।
प्रश्न - प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया ?
उत्तर - प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में निम्न योगदान दिया:
1. प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 ई तक चला । इस काल में भरतीय राष्टीªय आंदोलन को गति मिली । साथ ही साथ राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा ।
2. अंग्रजोें ने भरतीयों से पूछे बिना भारत को युद्ध में एक पार्टी बना दिया साथ ही साथ भारत के संसाधनों का अपने हित के लिए धडल्ले से प्रयोग किया इससे भारतीयों में अंग्रेजो के प्रति विरोध करने की जज्बा पैदा हुआ ।
3. यद्यपि मुस्लिम लीग अंग्रजी सरकार की बांदी थी परन्तु प्रथम महायुद्ध के घटनाओं के कारण इसे कांग्रेस के समीप आना पड़ा जिससे राष्ट्रीय आंदोलनों में काफी सहायता मिली ।
4. इस महायुद्ध के कारण मुस्लिम विशेषकर मुस्लिम लीग अंग्रेजों के विरूद्ध हो गये क्योंकि महायुद्ध की समाप्ति के बाद मित्र राष्ट्रो ने तुर्की के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया ।
प्रश्न - सविनय अवज्ञा आन्दोलन की चार सीमाओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर - सविनय अवज्ञा आन्दोलन की चार सीमाँए निम्नलिखित हैं:
1. जब सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू हुआ उस समय समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था ।
2. कांग्रेस से कटे हुए मुस्लमानों का एक तबका किसी संयुक्त संर्घष के लिए तैयार नहीं था ।
3. भारत के विभिन्न धार्मिक नेताओं और जाति समूहों के नेताओं ने अपनी आनी माँगे शुरू कर दी जिससे सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति इन्होने कोई खास रूचि नहीं दिखाई ।
4. धीरे धीरे हिंदू और मुस्लमानों के बीच संबंध खराब होते गये कई शहरों में सांप्रादायिक टकराव और दंगे हुए जिससे दोनों समुदायों के बीच फासले बढते गये ।
प्रश्न - काँग्रेस के तीन गरम दल के नेताओं का नाम लिखो ।
उत्तर:
1. बाल गंगाधर तिलक ।
2. लाला लाजपत राय ।
3. विपिन चन्द्र पाल ।
प्रश्न: पाकिस्तान की माँग मुस्लिम लिग द्वारा कब और कहाँ रखी गई ?
उत्तर: 1940 ई0 में अपने लाहौर अधिवेशन में ।
प्रश्न: अंग्रेजों के विरूद्ध आजाद हिन्द फौज का गठन किसने किया ?
उत्तर: नेता जी सुभाष चद्र बोस ने ।
प्रश्न - लोगों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रवादी नेता किस प्रकार के चिन्हो और प्रतीको का प्रयोग कर रहे थे ?
उत्तर -
राष्ट्रवादी नेताओं ने भारत के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय आंदोलन को गति देने के लिए विभिन्न प्रतीको और चिन्हो का प्रयोग कर रहे थे ।
1. बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झंडा ( हरा पीला लाल ) तैयार किया गया । जिसमें बिट्रिश भारत के आठ प्रंतो का प्रतिनिधित्व करते कमल के आठ फूल और हिंदूओ व मुस्लमानों का प्रतिनिघित्व करता एक अर्धचंद्र दर्शाया गया था ।
2. गाँधीजी ने भी स्वराज्य का झंडा तैयार कर लिया यह भी (सफेद हरा लाल ) रंग का तिरंगा था । इसके मध्य में गाँधीवादी प्रतीक चरखों को महत्व दी गई जो स्वावलंबन का प्रतीक था ।