अध्याय समीक्षा :-
हमारी जीवन शैली के स्तर में वृद्धि के साथ हमारी ऊर्जा की आवश्यकताओं में वृद्धि होती है।
हमारी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए हमें ऊर्जा के उपयोग की दक्षता में सुधार का प्रयास करना चाहिए। साथ ही हमें ऊर्जा के नए स्रोतों को परखना एवं उनका दोहन भी करना चाहिए।
हमें ऊर्जा के नवीन स्रोतों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि, हमारे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत जैसे जीवाश्मी ईंधन संकटग्रस्त हैं और शीघ्र ही समाप्त हो जाएँगे।
हमारा ऊर्जा स्रोत का चयन उपलब्ध्ता में सरलता, ऊर्जा निष्कर्षण की लागत, ऊर्जा स्रोत के उपयोग की उपलब्ध प्रौद्योगिकी की दक्षता, ऊर्जा स्रोत के उपयोग का पर्यावरण पर प्रभाव जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
हमारे अधिकांश ऊर्जा स्रोत अंततः सूर्य से प्राप्त ऊर्जा से व्युत्पन्न होते हैं।
उष्मीय ऊर्जा, ऊर्जा का स्वभाविक रूप स्वरुप हैं क्योंकि अन्य प्रकार की ऊर्जा को उष्मीय ऊर्जा में आसानी से बदला जा सकता हैं|
ऊर्जा स्रोत को पारंपरिक उर गैर पारंपरिक स्रोतों में विभाजित किया जा सकता हैं|
करोड़ो वर्ष पूर्व पौधा एवं जन्तुओ के भू गर्भ में दब जाने से विभिन्न भौतिक रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप कोयला एवं पेट्रोलियम बने|