अध्याय 2. आँकड़ो का संकलन
प्र०1: प्राथमिक आँकड़ो की परिभाषा दे ?
उत्तर: जब अनुसंधान कती स्वयं संबधित स्थान से आँकड़े एकत्र करता है एवं उपयोग करता है तो इस प्रकार से प्राप्त आँकड़ो को प्राथमिक आँकड़े कहते हैं |
प्र०2: द्धितीयक आँकड़ो को प्ररीभाषित करे ?
उत्तर: बे आँकड़े जो किसी अन्य के द्वारा पहले ही एकत्रित किए जा चुके हो | यदि कोई दूसरा विशेषज्ञ या अनुसंधान कर्ता इन आँकड़ो का प्रयोग करते है तो इस प्रकार प्राप्त आँकड़ो को द्धितीयक आँकड़ा कहते हैं |
प्र०3: प्रश्नावली से क्या अभिप्राय है ? प्रश्नावली तथा अनुसूची में क्या अंतर है ?
उत्तर: प्रश्नावली से अभिप्राय है किसी भी अनुसंधान के लिए संकलित आँकड़ो का संकलन की विधि से जो प्रश्नावली के माध्यम से सूचना देने वालो से प्राप्त की जाती है | इसके अंतर्गत सूचना देने वालो से प्रश्न पूछकर अनुसंधान से संबंधित समस्याओ का उत्तर प्राप्त किया जाता है |
प्रश्नावली तथा अनुसूची में मुख्य अंतर है यद्यपि इन दोनों में प्रश्न दिए होते है परन्तु प्रश्नावली में सभी उत्तर सूचकों द्धारा स्वय अरे या लिखे जाते है, इसके विपरीत अनुसूची में उतर गणक द्धारा लिखे जाते है |
प्र०4: एक अच्छी प्रश्नावली के मुख्य गुण कौन-कौन से है ?
उत्तर: एक अच्छी प्रश्नावली बताते समय मुख्य रूप से निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:-
(1) प्रश्नों की कम संख्या:- प्रश्नावली में प्रश्नों की संख्या अनुसंधान क्षेत्र के अनुसार होनी चाहिए परन्तु जहाँ तक संभव हो, इनकी संख्या कम से कम होनी चाहिए |
(2) सरलता:- प्रश्नों की भाषा सरल तथा स्पष्ट होनी चाहिए | प्रश्न ज्यादा जटिल तथा लम्बे न हो |
(3) उचित क्रम:- प्रश्नों का एक उचित तथा तर्कशर्ण क्रम होना चाहिए |
(4) अनुचित प्रश्न नही होने चाहिए:- प्रश्नावली में ऐसे प्रश्न नही पूछे जाने चाहिए जो सूचना देने वाले के मान सम्मान को ठेस पहुचाएँ |
(5) मतभेद रहित:- प्रश्न ऐसे होने चाहिए जिससे मतभेद न पैदा हो |
(6) गणना:- इस प्रकार से प्रश्न नही पूछे जाने चाहिए जिनमे गणना करणी पड़े |
(7) पूर्व-परीक्षण:- प्रश्नावली को अंतिम रूप देने से पूर्व उसका परीक्षण कर लेना चाहिए तकी तैयार प्रश्न शुद्ध हो|
(8) निर्देश:- प्रश्नावली को भरने के लिय स्पष्ट निर्देश देने चाहिये |
प्र०5:- प्राथमिक आँकड़ो एकत्रित करने की प्रश्नावली विधि पर नोट लिखिए |
उत्तर:- इस विधि में अनुसंधान कर्त्ता सबसे पहले अनुसंधान के उद्धेश्य को ध्यान में रखते हुए एक प्रश्नावली तैयार करता है |
प्रश्नावली विधि दो प्रकार की है:-
(1) डाक-पत्रों |
(2) गणको द्धारा |
(1) डाक – पत्रों द्धारा:- इस विधि में प्रश्नावली सूचना देने वाले व्यक्ति के पास प्रश्नावली डाक-पत्र द्धारा भेज दी जाती है | प्रश्नावली के साथ एक पत्र भी भेजा जाता है जिसमे जाँच के उद्धेश्य स्पष्ट किए जाते है एव सूचना देने वाले को यह विश्वास दिलाया जाता है कि इसकी सूचना गुप्त रखी जाएगी |
उपयुक्तता:
(a) अनुसंधान का क्षेत्र काफी विस्तृत हो |
(b) सूचना देने वाले व्यक्ति शिक्षित हो |
गुण:-
(a) मितव्ययिता अर्थात कम खर्चीला |
(b) मौलिकता पाई जाती है आँकड़ो में |
(c) ये आँकड़े विस्त्रत क्षेत्र के लिए उपयोगी है |
अवगुण:-
(a) लोचनशीलता का अभाव होता है |
(b) इस विधि द्धारा प्राप्त आँकड़ो का सीमित उपयोग है |
(c) इस प्रकार प्राप्त आँकड़ो में पक्षपात की संभावना होती है |
(2) गणक विधि:- इस विधि में अनुसंधान के उद्धेश्य को ध्यान में रखकर प्रश्नावली तैयार कर ली जाती है | इन प्रश्नावलियो को लेकर सूचना देने वाले व्यक्तियों के पास गणक स्वयं जाते है |
उपयुक्तता:-
(1) जिनका विस्तृत क्षेत्र है |
(2) गुनको को अपने विस्तृत क्षेत्र के सूचकों की भाषा, रीती-रिवाज और स्वभाव का भलिभांति परिचय है |
गुण:-
(1) इस विधि द्धारा काफी विस्तृत क्षेत्र में भी सूचना प्राप्त की जा सकती है |
(2) इस विधि में शुद्धता पाई जाती है |
(3) इस विधि में गणको का सूचकों से प्रत्यक्ष संम्बंध स्थापित होता है |
(4) इस विधि में पूर्णता पाई जाती है |
अवगुण:-
(1) यह विधि बहुत खर्चीली होती है इसमे काफी मात्रा में धन, श्रम एवं समय लगता है |
(2) इसमे शिक्षिण गणको की आवश्यकता होती है |