अध्याय-समीक्षा
शहरी जीवन की शुरुआत : शहरी जीवन की शुरुआत मेसोपोटामिया’ में हुई थी। फरात (Euphrates) और दज़ला (Tigris) नदियों के बीच स्थित यह प्रदेश आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है।
मेसोपोटामिया की प्रसिद्धि : मेसोपोटामिया की सभ्यता अपनी संपन्नता, शहरी जीवन, विशाल एवं समृद्ध साहित्य, गणित और खगोलविद्या के लिए प्रसिद्ध है।
वर्त्तमान में मेसोपोटामिया की स्थिति: आजकल में मेसोपोटामिया वर्त्तमान में इराक गणराज्य का हिस्सा है |
- अभिलिखित इतिहास के आरंभिक काल में, इस प्रदेश को मुख्यतः इसके शहरीकृत दक्षिणी भाग को सुमेर (Sumer) और अक्कद (Akkad) कहा जाता था।
- 2000 ई.पू. के बाद जब बेबीलोन एक महत्त्वपूर्ण शहर बन गया तब दक्षिणी क्षेत्र को बेबीलोनिया कहा जाने लगा।
- लगभग 1100 ई.पू. से, जब असीरियाइयों ने उत्तर में अपना राज्य स्थापित कर लिया, तब उस क्षेत्र को असीरिया (Assyria) कहा जाने लगा।
मेसोपोटामिया की भाषा : प्रथम ज्ञात भाषा सुमेरियन यानी सुमेरी थी | लेकिन 2400 ई.पू. के आसपास जब अक्कदी भाषी लोग यहाँ आ गए तब सुमेरी से यहाँ की भाषा अक्कदी हो गयी | 1400 ई.पू. से धीरे-धीरे अरामाइक (Aramaic) भाषा का भी प्रवेश शुरू हुआ | यह भाषा हिब्रू से मिलती जुलती थी | और 1000 ई.पू. के बाद यह व्यापक रूप से बोली जाने लगी थी और आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है।
मेसोपोटामिया की प्रमुख भाषाएँ : सुमेरियन, अक्कदी तथा अरामाइक इसकी प्रमुख भाषाएँ थी।
मेसोपोटामिया में पुरातात्विक खोजों की शुरुआत : मेसोपोटामिया में पुरातत्त्वीय खोजों की शुरुआत 1840 के दशक में हुई। वहाँ एक या दो स्थलों पर जैसे उरुक और मारी में, उत्खनन कार्य कई दशकों तक चलता रहा।
मेसोपोटामिया की ऐतिहासिक जानकारी के स्रोत : मेसोपोटामिया की ऐतिहासिक जानकारी के प्रमुख स्त्रोत इमारतें, मूर्तियाँ, कब्रें, आभूषण, औजार, मुद्राएँ, मिट्टी की पट्टिकाएं तथा लिखित दस्तावेज हैं।
यूरोपवासियों के लिए मेसोपोटामिया का महत्त्व: यूरोपवासियों के लिए मेसोपोटामिया इसलिए महत्त्वपूर्ण था क्योंकि बाईबल के प्रथम भाग ‘ओल्ड टेस्टामेंट’ में इसका उल्लेख कई संदर्भो में किया गया है। उदाहरण के लिए, ओल्ड टेस्टामेंट की ‘बुक ऑफ जेनेसिस’ (Book of Genesis) में ‘शिमार’ (shimar) का उल्लेख है जिसका तात्पर्य अर्थात् सुमेर ईंटों से बने शहरों की भूमि से है।
शिमार का उल्लेख : ओल्ड टेस्टामेंट की ‘बुक ऑफ जेनेसिस’ (Book of Genesis) में ‘शिमार’ (shimar) का उल्लेख है |
वस्तियों और शहरों का विकास : 5000 ई.पू. दक्षिण मेसोपोटामिया में बस्तियों का विकास होने लगा था जिनमें से कुछ शहरों में परिवर्तित हो गए।
नगरों की शुरुआत और प्रसिद्ध नगर : इस सभ्यता में नगरों का निर्माण 3000 ई.पू. में प्रारम्भ हो गया था। उरूक, उर और मारी इसके प्रसिद्ध नगर थे।
आजीविका के साधन : यहाँ स्टेपी घास के मैदान हैं अतः पशुपालन खेती की तुलना में आजीविका का अच्छा साधन है। अतः यहाँ कृषि, पशुपालन एवं व्यापार आजीविका के विभिन्न साधन हैं।
- यहाँ के लोग औजार बनाने के लिए कॉसे का इस्तेमाल करते थे।
- यहाँ के उरुक नगर में एक स्त्री का शीर्ष मिला है जो सफेद संगमरमर को तराश कर बनाया गया है - जिसे वार्का शीर्षकहते हैं।
- श्रम विभाजन एवं सामाजिक संगठन शहरी जीवन एवं अर्थव्यवस्था की विशेषता थे।
- यहाँ खाद्य-संसाधन तो समृद्ध थे परन्तु खनिज-संसाधनों का अभाव था, जिन्हें तुर्की, ईरान अथवा खाड़ी पार देशों से मंगाया जाता था।
- शहरी अर्थव्यवस्था में हिसाब-किताब, लेन-देन, रखने के लिए, यहाँ लेखन कला का विकास हुआ।
व्यापार एवं परिवहन : यहाँ व्यापार के लिए परिवहन व्यवस्था अच्छी थी जलमार्ग द्वारा। फरात नदी व्यापार के लिए विश्व मार्ग के रुप में प्रसिद्ध थी।
लेखन कला : मेसोपोटामिया में जो पहली पट्टिकाएँ पाई गईं हैं वे लगभग 3200 ई.पू. की हैं, इन पर सरकण्डे की तीखी नोंक से कीलाकार लिपि द्वारा लिखा जाता था। इन पट्टिकाओं को धूप में सुखा लिया जाता था।
कीलाकार (क्युनिफार्म) : यह लातिनी शब्द ‘क्यूनियस’, जिसका अर्थ खूँटी और फोर्मा जिसका अर्थ ‘आकार’ है, से मिलकर बना है।
- मेसोपोटामिया में बहुत कम लोग पढ़े-लिखे थे चिन्हों की संख्या काफी पेचीदा तथा बहुत अधिक थी।
- मेसोपोटामिया में शहर मंदिर के चारां ओर, व्यापार केन्द्रों के रुप में, एवं शाही शहरों के रुप में विकसित हुए।
मेसोपोटामिया में पूजा स्थल: मेसोपोटामिया के कुछ प्रारंभिक मंदिर साधारण घरों की तरह थे अंतर केवल
मंदिर की बाहरी दीवारों के कारण था जो कुछ खास अंतराल के बाद भीतर और बाहर की ओर मुड़ी होती थीं। (प्रेम एवं युद्ध की देवी) यहाँ के प्रमुख देवी देवता थे।
उर नगर की विशेषताएँ : यहाँ उर नगर में नगर-नियोजन पद्धति का अभाव था, गलियां टेढ़ी-मेढ़ी एवं
संकरी थी। जल-निकास प्रणाली अच्छी नहीं थी। उर वासी घर बनाते समय शकुन-अपशकुन पर विचार करते थे।
मारी नगर की विशेषताएँ : 2000 ई.पू. के बाद फरात नदी की उर्ध्वधारा पर मारी नगर शाही राजधानी के रूप में फला-फूला। यह अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था। इसके कारण यह बहुत समृद्ध तथा खुशहाल था। यहाँ ज़िमरीलियम का राजमहल मिला है तथा एक मंदिर भी मिला है।
पारिवारिक स्थिति : एकल परिवार को आदर्श माना जाता था जिसमें पति-पत्नी और उनके बच्चे शामिल होते थे। पिता परिवार का मुखिया होता था। कानूनी दस्तावेजों (विवाह, उत्तराधिकार आदि से संबंधित) की यहाँ से जानकारी मिलती है।
काल-गणना : काल-गणना और गणित की विद्वतापूर्ण परम्परा दुनिया को मेसोपोटामिया की सबसे बड़ी देन है। काल गणना के लिए यहाँ के लोगों ने एक वर्ष का 12 महीनों में, 1 महीनें का 4 हफ्तों में, 1 दिन का 24 घंटों में तथा 1 घंटे का 60 मिनट में विभाजन किया था।
गिल्मेशिक : गिल्मेशिक उरूक नगर का शासक था, महान योद्धा था, जिसने दूर-दूर तक के प्रदेशों को अपने अधीन कर लिया था।
नैबोपोलास्सर ने 625 ई.पू. में बेबिलोनिया को असीरियाई आधिपत्य से मुक्त कराया था।
331 ई.पू. में सिकंदर से पराजित होने तक बेबीलोन दुनिया का एक प्रमुख नगर बना रहा। नैबोनिड्स स्वतंत्र बेबीलोन का अंतिम शासक था।