मुख्य बिन्दू :-
- संविधान जिसके माध्यम से किसी देश केा सुचारू रूप से चलाया जाता है। अर्थात् ऐसी लिखित पुस्तक जो शासन चलाने में सहायक हों |
- संविधान, सरकार, समूह, न्यायालय व अन्य संगठनों के बीच सामंजस्य, विश्वास व तालमेल बिठता है।
- सैद्धांतिक रूप से निर्णय का माध्यम, शक्तियों पर प्रतिबंधव आकांक्षाओं तथा लक्ष्यों को पूरा करना इसका उद्देश्य है। और ये अराजकता को रोकता है।
- संविधान ‘राष्ट्र’ व ‘शासन प्रणाली’ का आईना है, जैसे ‘प्रस्तावना’ संविधान का दर्पण है।
- संविधान सभा का गठनः- कैबिनट मिशन योजनानुसार - सभा में 389 सदस्य थे। 292 सदस्य ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतो से, 4 सदस्य चीफ कमिश्नर के प्रांत से, 93 देशी रियासतों के थे।
- ब्रिटिश प्रांत के प्रत्येक प्रांत को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा मं स्थान दिए जाएँगे। (10 लाख लोगों पर एक स्थान)
- प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों - मुसलमान, सिख, सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाटाँ गया।
- देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से तय किया गया। जुलाई 1946 को संविधान सभा के चुनाव कराए गए जिनमें मुसलमानों को 73 स्थान, कांग्रेस को 199 स्थान निर्दलीय 11 तथा सिखों के 21 प्रतिनिधि निर्वाचित हुए।
- 3 जून 1947 को मांउटबेंटन योजनानुसार भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान के प्रतिनिधि संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे। संविधान सभा के वास्तविक सदस्यों की संख्या 299 रह गई।
- संविधान का स्वरूपः
- संविधान सभा का गठन साम्प्रदायिक आधार पर किया गया - मुस्लिम ने मुस्लिम को चुना तथा सिख ने सिख को चुना। अन्य सम्प्रदाय व सामान्य वर्ग भी शामिल थे। संविधान सभा के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को अपनाया। संविधान सभा में कांग्रेस की प्रमुखता थी तथा विरोधी दल के सदस्यों की संख्या नाममात्र थी।
- 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अधिवेशन आरम्भ हुआ, डा. सचिदानन्द सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। डा॰ राजेंद्र प्रसाद को 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना तथा प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डा॰ भीमराव अम्बेडकर निर्वाचित हुए।
- 13 दिसम्बर 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया। स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना भी इन्ही उद्देश्यों पर आधरित है। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था।
- इस संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग तथा 8 सूचियां थी। 26 नवम्बर 1949 को यह संविधान स्वीकार किया गया। इसको बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे। विभिन्न मुद्दों के लिए उनकी 8 कमेटियाँ बनी थी।
- संविधान सभा ने भारत के लिए संसदीय शासन व्यवस्था और संघात्मक व्यवस्था को स्वीकार किया 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।
संविधान के स्त्रोत:
1935 का भारत सरकार का अधिनियम : अन्य देशों की संवैधानिक प्रणाली, 1928 की नेहरू रिपोर्ट जिसमें संघ सरकार की स्थापना की जाएँ, केंद्र शक्तिशाली हो इत्यादि।
A. ब्रिटिश संविधान :
- सरकार का संसदीय रूप, सर्वाधिक मत के अधार पर चुनाव में जीत का निर्णय।
- कानून के शासन का विचार।
- विधायिका में अध्यक्ष का पद औरर उसकी भूमिका।
- कानून निर्माण की विधि।
B. अमेरिका का संविधान
- मौलिक अधिकारों की सूची
- न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
C. आयरलैंड का संविधान
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
D. फ्रांस का संविधान
- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत
E. कनाडा का संविधान
- एक अर्द्ध-संघात्मक सरकार का स्वरुप (सशक्त केन्द्रीय सरकार वाली संघात्मक व्यवस्था) |
- अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत |