अध्याय-समीक्षा
- संसार से दो धुर्वीय सता की मुक्ति के साथ ही दो संघो की स्थापना हुई, पहली यूरोपीय संघ व दूसरी दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान की |इन दोनों की बढ़ती शक्ति को अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती देने वाले वैकल्पिक केन्द्रों के रूप में देखा जा रहा है|
- यूरोपीय संघ का आर्थिक, राजनैतिक तथा सैनिक प्रभाव जबरदस्तरहा | 2005 में इसे विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देखा गया |
- यूरीपीय संघ के दो देश फ्रासं तथा ब्रिटेन सूरक्ष परिषद में स्थाई सदस्य है तथा इनके पास बड़ी मात्रा में परमाणु हथियार हैं |
- अंतरिक्ष विज्ञान और संचार प्रौधोगिकी के मामले में यूरोपीय संघ का दुनिया में दूसरा स्थान है |
- आसियान के संस्थापको:- इंडोनेशिया,मलेशिया, फिलीपीस, सिगापुर तथा थाईलैड ने 1967 में बैकाक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये |
- आसियान के आर्थिक समुदाय का प्रमुख उद्देश्य आसियान देशो को साझा बाजार तथा सामाजिक, आर्थिक विकाश के मदद करना है | इन देशों ने टकराव रहित और सहयोगात्मक मेल-मिलाप के उदाहरण पेश किये जिसे आसियान शैली कहा गया |
- विजन दस्तावेज 2020 में अन्तर्राष्ट्रीयसमुदाय में आसियान एक बर्हिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गई |
- चीन के शाक थरैपी के बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्द तरीके से शुरू क्या | 1978 में चीन ने आर्थिक सुधारों और खुले दवार की नीति की घोषणा की | SEZ(सेज) के निर्माण से विदेशी व्यापार की बढ़ोतरी हुई |
- भारत व चीन के बीच 1962 में अरूणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों व अक्साइ-चिन क्षेत्रों को लेकर युद्द हुआ | 1976 तक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध समाप्त रहे |
- दिसम्बर 1988 में राजीव गांधी के चीनी दौरे के बाद से टकराव टालने के प्रया बढ़े |हाल के वर्षो में भारत-चीन ने अपने विवादों को अलग रखते हुए पारस्परिक आर्थिक और व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ाया है |
- जापान ने दुसरे विश्व युद्द के पश्चात बड़ी तेजी से प्रगति की| अर्थव्यवस्था की द्रिष्टि से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है |