अध्याय-समीक्षा
- 1980के दशक को स्वायत्तता की माँग के दशक के रूप में देखा जा सकता है | इस दौर में देश के कई हिंस्सा से स्वायत्तात की माँग उठी और इसने संवैधानिक हदों को भी पार किया |राष्ट्र- निर्माण की प्रकिर्या और भारत संविधान के बारे में पढ़ते हुए विविधता के एक बुनियादी सिदांत की चर्चा हमारी नजरो से बार-बार गुजरी है : भारत में विभिन्न क्षेत्र और भाषायी समूहों को अपनी संस्कृति बनाए रखते का अधिकार होगा हमने एकता की भावधारा से बँधे एक ऐसे सामाजिक जीवन के निर्माण होता है |
- एसी व्यवस्था में कभी-कभी तनाव या परेशनिया खरी हो सकती है कभी एसी भी हो सकता है कि राष्ट्रीय एकता के सरोकार क्षेत्रीय आकाक्षाओ और जरूरतों पर भरी पड़े | 1950 के दशक के उतरार्द्र से पंजाबी-भाषी लोगो ने अपने लिए एक अलग राज्य बनाने की आवाज उठानी शुरू कर दी | उनकी मांग आख़िरकार मन ली गई और 1966 में पंजाब और हरियाणा नाम से राज्य बनाये गए |
- आपने जम्मू एवं कश्मीर में जरी हिंसा के बारे में सुना होगा | इसके परिणामस्वरूप अनेक लोगों की जन गई और कि परिवारों का विस्थ्पना हुआ | कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा मुद्दा रहा है |1947 से पहली जम्मू एवं कश्मीर में राजशाही थी | इसके हिन्दू शाहसक हरी सिह भारत में शामिल होना नही चाहते थे और उन्हेंने अपने स्वतंत्र राज्य के राज्य के लिए राज्य के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ समझौता करने की कोशिश की |
- 1965 के हिन्दी विरोध आन्दोलन की सफलता ने डीएमके को जनता के बीच और भी लोकप्रिय बना दिया | और मार्च 1948 में शेख अब्दुल्ला जम्मू- कश्मीर राज्य के प्रधनमंत्री बने इसे संविधान में धारा 370 का प्रावधान करके संवैधनिक दर्जा दिया था |
- आप जानते है कि कश्मीर में धारा 370 के तहत विशेष दर्जा दिया गया है | धारा 370 एवं 371 के तहत किए गए विशेष प्रावधनो के बरी में आपने पिछले वर्ष भारतीय संविधान : सिदांत और व्यवहार में पढ़ा होगा धारा 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को भारत लागू होता है |
- 1953 में शेख अब्दुल्ला को बर्खास्त कर दिया गया | सालो तक उन्हें नजरबंद रखा गया | 1953 से लेकर 1974 के बीच अधिकास समय इस राज्य की राजनीति पर कांग्रेस का असर रहा | कमजोर हो चुकी नेशनल कनोफेर्स ( शेख अब्दुल्ला के बीना ) कांग्रेस के समर्थन राज्य में कुछ समय तक सतासीन रही लेकिन बाद में वह कांग्रेस में मिला गई |
- प्रधनमंत्री इंदिरा गाँधी की 31 अक्टूबर 1984 के दिन उनके आवास के बहार उन्ही के अंगरक्षक सीखे थे और आपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे | एक तरफ पूरा देश इस घटना से शोक-संतप्त था तो दूसरा तरफ दिल्ली सहित उतर भारत में कोई हिन्स्सा में सिख समुदाय के विरूद हिंसा भरक उठी |
- पूर्वोतर में क्षेत्रीय आकाक्षाएँ 1980 के दशक में एक निर्णयात मोड़ पर आ गई थी | l क्षेत्र में साथ राज्य है और इन्ही सात बहने कहा जाता है | 4 फीसदी आबादी निवास करती है | 22 किलोमीटर लबी एक पतली -सी रहदारी इस इलाके को शेष भारत से जोडती है |
- 1979से 1985 तक चला असम आन्दोलन बाहरी लोगों के खिलापो चले आंदोलनों का सबसे अच्छा उदाहरण है |1979 में आंल असम स्टूडेट्स यूनियन (आसू-AASU) ने विदेशियों के विरोध में एक आन्दोलन चलाया |
- पहला और बुनियादी सबका तो यही है कि क्षेत्रीय आकांक्षाएं लोकतांत्रिक राजनीति का अभिन्न अंग हैं | तीसरी सबक है सता की साझेदारी के महत्व को समझना | सिर्फ लोकतात्रिक ढाँचा खड़ा कर लेना ही काफी नही है |