अतिरिक्त - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: नीचे लेबर चौल पर आने वाले मजदूरों की जिंदगी का विवरण दिया गया हैं| उसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति हैं?
उत्तर: लेबर चौक पर जो मजदूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं क्र पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं| इसे नगरनिगम चलाता हैं और इनमें छ: रूपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया दें पड़ता हैं| सामान की सुरक्षा का कोई इतजाम न रहने के कारन वे वहाँ के चाय या पान - बेदी वालों की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं| उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं| वे अपने औजारों को रात में आपके पास हिफाजत के लिए छोड़ देते हैं| दिकानादार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ जरोर्ट पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं| स्त्रोत : हिन्दू ऑन लाइन, अमन सेठी
लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के पास स्थायी काम नहीं होता हैं| वे दिहाड़ी मजदूरों के पास स्थायी काम नहीं होता हैं| वे दिहाड़ी मजदूर होते हैं और विभिन्न तरह का काम करते हैं: जैसे - मकान बनाने का काम करने वाले राजमिस्त्री, घरों में रंग पेंट करने वाले मिस्त्री, फर्नीचर का काम करने वाले मिस्त्री, पलम्बर का काम करने वाले, वजन उठाने या खुदाई का काम करने वाले मजदूर इत्यादि| स्थायी काम न होने के कारण गरीबी में जीवन व्यतीत करते हैं| इनके रहने और खाने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होती हैं और जिसे काम नहीं मिलाता हैं उस पूरा दिन लेबर चौक पर ही बैठे रहना पड़ता हैं और शाम को कहने के लिए उधार लेना पड़ता हैं और जब कई दिनों तक लगातार काम नहीं मिलाता हैं तो कभी - कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता हैं| इनके साथ कार्य स्थालों पर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता हैं| निश्चित समय से अधिक समय तक काम करवाया जाता हैं और सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से काम मजदूरी दी जाती हैं| इस प्रकार इनका जीवन काफी कठिन होता हैं|
प्रश्न: निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग हैं इसका वर्णन कीजिए|
नाम काम की जगह आय काम की सुरक्षा सुविधाएँ स्वयं का काम
या रोजगार
बच्चू मांझी 100रू.
प्रतिदिन
हरप्रीत और स्वयं का काम
वंदना
निर्मला कोई सुरक्षा नहीं
सुधा कंपनी 30,000रू.
प्रति माह
उत्तर:
नाम काम की जगह आय काम की सुरक्षा सुविधाएँ स्वयं का काम
या रोजगार
बच्चू मांझी सड़क 100रू. नहीं नहीं स्वयं का
प्रतिदिन
हरप्रीत और शोरूम अच्छी आय लेकिन हाँ कार और प्लैट स्वयं का काम
वंदना निश्चित नहीं खरीद लिया हैं
निर्मला कपडे सिलने 80 रूपये नहीं नहीं रोजगार
की फैक्ट्री प्रतिदिन
सुधा कंपनी 30,000रू. हाँ भविष्य निधि, रोजगार
प्रति माह छुट्टियाँ परिवार के लिए
चिकित्सा सुविधाएँ
प्रश्न: एक स्थायी और अनियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह से अलग हैं?
उत्तर: एक स्थायी और नियमित नौकरी करने वाले की एक निश्चित मासिक आय होती हैं| स्थायी कर्मचारी होने के कारण विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ भी मिलाती हैं: जैसे - भविष्य निधि, छुट्टियाँ परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ, मकान या मकान का किराया इत्यादि| काम करने का निश्चित समय और घंटे निश्चित होते हैं, जबकि अनियमित कर्मचारी की मासिक आय निश्चित नहीं होती हैं| वह जितने दिन काम करता हैं उतने दिनों का पैसा अमिलता हैं कोई निश्चित छुट्टी नहीं होती हैं| किसी भी प्रकार की सुविधाएँ नहीं मिलाती हैं काम समय और घंटे निश्चित नहीं होते हैं| काम की भी सुरक्षा नहीं होती हैं|
प्रश्न: सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन - से लाभ मिलते हैं?
उत्तर: सुधा को वेतन के अलावा निम्नलिखित लाभ मिलते हैं -
1. रविवार और राष्ट्रीय अवकाश छुट्टियाँ|
2. वार्षिक छुट्टियाँ|
3. परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ और बीमार होने पर चिकित्सा अवकाश|
4. भविष्य निधि की सुविधा|
प्रश्न: नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाज़ार की दुकानों या दफ्तरों के नाम बहरें कि वे किस प्रकार की चीजें या सेवाएँ मुहैया कराते हैं?
दुकानों या दफ्तरों के नाम चीजों/सेवाओं के प्रकार
1.
2.
3.
4.
5.
उत्तर:
दुकानों या दफ्तरों के नाम चीजों/सेवाओं के प्रकार
1. सुनील डेयरी दूध और दूध से बनी वस्तुएं
2. गैंस एजेंसी खाना पकाने के लिए एन.डी.पी.एल. गैंस की बुकिंग और डिलीवरी
3. दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली में पानी की सप्लाई
4. एन.डी.पी.एल. उत्तरी दिल्ली में बिजली की सप्लाई
5. अस्पताल विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ