अध्याय - समीक्षा:
- एक अन्य काल्पनिक रेखा भो ग्लोब को दो बराबर को दो भागों में बाँटती हैं| इसे विषुवृत्त वृत्त कहा जाता हैं|
- विषुवृत्त वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को आक्षांश रेखाएँ कहा जाता हैं|
- कारक रेखा एवं माकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सर के ठीक ऊपर होता हैं| इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अहिक ऊष्मा प्राप्त होती हैं तथा इसे उष्ण कटिबंधीय कहा जाता हैं|
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत के बीच वाले क्षेत्र का तापमान माध्यम रहता हैं| इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता हैं|
- अपने स्थान से ध्रुव तारे का कों मापकर आप अपने स्थान का अक्षांश जान सकते है|
- विषुवृत्त वृत्त, उत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव, के अतिरिक्त चार महत्त्वपूर्ण अक्षांश रेखाएँ और भी हैं| ये हैं:
1. उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा
2. दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा
3. विषुवृत्त वृत्त के 661/2o उत्तर में उत्तर ध्रुव वृत्त,
4. विषुवृत्त रेखा के 661/2o दक्षिण में दक्षिण ध्रुव वृत्त|