अध्याय - समीक्षा:
- जब हम पृथ्वी के केवल एक भाग जैसे - अपने देश, राज्यों, जिलों, शहरों तथा गावों के बारे में अध्ययन करना चाहते हैं तो यह हमारे लिए उतना उपयोगी साबित नहीं होता हैं| ऐसी स्थिति में हम मानचित्रों का उपयोग करते हैं| ऐसी स्थिति में हम मानचित्रों का उपयोग कारते हैं| मानचित्र पृथ्वी की सतह या उसके एक भाग का पैमाने के माध्यम से चपटी सतह पर खींचा गया चित्र हैं|
- पृथ्वी की प्राकृतिक आकृतियों : पर्वतों, पठारों, मैदानों, नदियों, महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्र को भौतिक या उच्चावच मानचित्र कहा जाता हैं|
- राज्यों, नगरों, शहरों और विश्व के विभिन्न देशों व राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्र को राजनीतिक मानचित्र कहा जाता हैं|
- कुछ मानचित्र विशेष जानकारियों प्रदान करते हैं : जैसे - सड़क मानचित्र, वर्षा मानचित्र, वन तथा उघोगों आदि के वितरण दर्शाने वाले मानचित्र इत्यादि| इस प्रकार के मानचित्र को थिमैतिक मानचित्र कहा जाता हैं|
- मानचित्र के तीन घटक हैं: दूरी, दिशा और प्रतीक|
- जब बड़े मानचित्र वाले भागों जैसे महाद्वीपों या देशों को कागज़ पर दिखाना होता हैं, तब हम लोग छोटे पैमाने का उपयोग करते हैं| उदाहरण के लिए, मानचित्र पर 5 सेमी., स्थल के 500 किमी. को दर्शाता हैं| इसको छोटे पैमाने वाला मानचित्र कहते हैं|
- एक छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर खींचा गया रेखाचित्र खाका कहा जाता हैं|