क्या, कब, कहाँ और कैसे?
- सहायक नदिया उन्हें कहते है जो एक बड़ी में मिल जाती है |
- गंगा के दक्षिण इ इन नदियों के आस पास का क्षेत्र प्राचीन कल में मगध नाम से जानीजाता था |
- देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे राज्यों की स्थापना की गई थी |
- कुछ लोग नए और रोचक स्थानों को खोजाने की चाह में उत्सुकतावश भी यात्रा किया करते थे एस सभी यात्राओं से लोगों को एक दुसरे के विचारों को जानने का अवसर मिला |
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लोगों के आवागमन में हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को समर्द्ध किया |
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कई सौ वर्षों से लोग पत्थर को तराशने, संगीत रचने और यहाँ तक के भोजन बनाने के नए तरीकों के बारे में एक- दुसरे के विचारों को अपनाते रहे है |
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हमारे देश के लिए हम प्राय: इण्डिया तथा भारत जैसे नमो का पर्योग करते है |
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इण्डिया शब्द इण्डस से निकला है जैसे संस्कृत में सिन्धु कहा जाता है |
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इस नदी के पूर्व में स्थित भूमि प्रदेश को इण्डिया कहा। भरत नाम का प्रयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह के लिए किया जाता था।
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इस समूह का उल्लेख संस्कृत की आरंभिक (लगभग 3500 वर्ष वर्ष पुरानी ) ऋग्वेद में भी मिलता है।
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अतीत की पुस्तके हाथ से लिखी होने के कारण पाण्डुलिपि कही जाती है |
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अंग्रेजी में ‘पाण्डुलिपि’ केलिए प्रयुक्त होने वाला ‘मैन्यूस्क्रिप्ट’ शब्द लैटिन शब्द ‘मेनू’ जिसका अर्थ हाथ है, से निकला है।
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पाण्डुलिपियाँ प्रायः ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्रा में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्रा पर लिखी मिलती हैं।
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कई पाण्डुलिपियाँ आज भी उपलब्ध् हैं।
- कई लाख वर्ष पहले लोग नदियों के तट पर रहते थे यहाँ रहने वाले अरम्भित लोगो में से कुछ कुशल संग्राहक थे जो आस पास के जंगलो की विशाल संपदासे परिचित थे अपनभोजनों के लिए जड़ोफलों तथा जंगलोके अन्य उत्पादों का यही स्वसंग्रह किया करते थे| वे जानवरों का शिकार भी करते थे |