अध्याय समीक्षा:
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विधुत - सेल के एक और धातु की टोपी तथा दूसरी और धातु के डिस्क (चक्रिका) होती है | - विधुत - सेल में धातु कई टोपी (+) धनात्मक सिरा धातु की डिस्क (-) ॠणात्मक सिरा कहलाता हैं |
- विधुत सेलो में दो सिरे होते हैं -
(1) धनात्मक (टर्मिनल) (2) ॠणात्मक(टर्मिनल)
- प्रकाश उत्सर्जित करने वाले पतले तार को बल्ब का तंतु कहते हैं |
- कुछ पदार्थ, अपने अन्दर से विधुत - धारा का प्रवाह होने देते है| जो पदार्थ विधुत - धारा का प्रवाह होने देते हैं वे विधुत - चालक कहलाते हैं |
- मानव शरीर विधुत का बहुत अच्छा चालाक होता है |
- विधुत - सेल विधुत का एक स्त्रोत हैं |
- विधुत बल्ब में एक फिलामेंट होता हैं जो इसके टर्मिनलों से जुडा होता हैं |
- स्विच एक सरल युक्ति हैं जों विधुत - धारा के प्रवाह को रोकाने या प्रारंभ करने के लिए परिपथ को तोड़ता अथवा पूरा करता हैं |
- जिस पदार्था से होकर विधुत - धारा प्रवाहित नहीं हो सकती हैं, वे विधुत - रोधक कहलाता हैं |