पाठ - 2. हमारी पृथ्वी के अन्दर
प्रश्न - 1 निम्न प्रश्नों के उतर दीजिए-
1. पृथ्वी की परते क्या हैं?
उतर: पृथ्वी की तीन परतें हैं-
1. भू - पर्पटी
2. मैंटल
3. क्रोड़
2. शैल क्या हैं?
उतर: पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राक्रतिक पिंड को शैल कहते हैं|
3. तीन प्रकार के शैलो के नाम लिखे?
उतर: तीन प्रकार की शैल हैं-
(क) आग्नेय शैल (ख) अवसादी शैल (ग) कायांतरित शैल
4. बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैलो का निर्माण किस प्रकार होता हैं?
उतर:
(i) बहिर्भेदी शैल का निर्माण द्रवित लावा के पृथ्वी की सतह पर आने तथा तेजी से ठंडी होकर ठोस बनाने पर होती हैं|
(ii) अंतर्भेदी शैल का निर्माण द्रवित मैग्मा के भू-पर्पटी के अंदर गहराई में ही ठंडा हो जाने के कारण होता हैं|
5. शैल चक्र से आप क्या समझते है?
उतर: किन्ही निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल का चक्रीय तरीके से दुसरे में परिवर्तित हो जाना ही शैल चक्र कहलाता है|
6. शैलो के क्या उपयोग है?
उतर: शैलो के निम्नलिखित उपतोग है-
(i) उनका ईधन की तरह उपयोग होता है|
(ii) उनका उघोगो में उपयोग होता है|
(iii) उनका दवाईयों के निर्माण में उपयोग होता है|
(iv) उनका उर्वरको के निर्माण में होता है|
7. कायांतरित शैल क्या है?
उतर: आग्नेय एवं अवसादी शैले उच्च ताप एवं दाब के कारण जिस प्रकार की शैलो में परिवर्तित होते हैं उन्हें कायांतरित शैल कहते है|
प्रश्न: 2 सही उत्तर चिहन कीजिए -
(i) द्रवित मेग्मा से बनी शैल है -
उत्तर:
(क) आग्नेय
(ख) अवसादी
(ग) कायांतरित
(ii) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत है -
उत्तर:
(क) पर्पटी
(ख) क्रोड़
(ग) मैंटल
(iii) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदाहरण है?
उत्तर:
(क) शैल
(ख) खनिज
(ग) जीवाश्म
(iv) शैल जिसमे जीवाश्म होते है -
उत्तर:
(क) अवसादी शैल
(ख) कायांतरित शैल
(ग) आग्नेय शैल
(v) पृथ्वी की सबसे पतली परत है?
उत्तर:
(क) पर्पटी
(ख) मैंटल
(ग) क्रोड़
प्रश्न - 3 निम्नलिखित स्तंभों को मिलकर सही जोड़े बनाईए-
उत्तर:
(i) क्रोड़ (क) स्लेट में बदलता है
(ii) खनिज (ख) सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है
(iii) शैल (ग) सिलिका एवं ऐलुमिना से बनता है
(iv) चिकनी मिट्टी (घ) इनका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है
(v) सियाल (ड.) सबसे भीतरी परत
प्रश्न - 4 कारण बताईए-
(i) हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं |
उतर: पृथ्वी के केंद्र तक पहुचने के लिए समुद्र की सतह से 6000 किलोमीटर गहरई तक खोदना होगा जो की बिल्कुल अंसभव है|
(ii) अवसादी शैल अवसाद से बनती है |
उतर: शैल लुढ़ककर चटककर तथा एक-दुसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ो में टूट जाती है|इन छोटे कानो को अवसाद कहते है| ये अवसाद हवा,जल आदि के द्वारा एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुचकर जमा कर दिए जाते हैं| ये अरर्ढ़ अवसाद दबाकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं| इस प्रकार की शैलो को अवसादी शैल कहते है|
(iii) चुना पत्थर संगमरमर में बदलता है |
उतर: आग्नेय एवं अवसादी शैल उच्च ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैल का एक मे परिवर्तित हो जाती हैं| चुना पत्थर के साथ भी ठीक यही होता है| उच्च ताप व दाब के कारण यह संगमरमर में बदलता है जओ की कायांतरित शैल का एक उदहारण है|