अभ्यास - समीक्षा:
- हम जिस वायु को साँस द्वारा अन्दर लेते हैं, उसमें उपस्थित ऑक्सीजन शरीर के सभी भागों में और अंततः प्रत्येक कोशिका में ले जाई जाती हैं| कोशिकाओं में यह ऑक्सीजन भोजन के विखंडन में सहायता कराती हैं| कोशिका में भोजन के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती हैं| इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं|
- सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता हैं|
- कोशिका के अन्दर, भोजन (ग्लूकोस) ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता हैं| जब ग्लूकोस का विखंडन ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा होता हैं, तो यह वायवीय श्वसन कहलाता हैं|
- ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी भोजन विखंडित हो सकता हैं| यह प्रक्रम अवायवीय श्वसन कहलाती हैं|
भोजन के विखंडन से ऊर्जा निर्मुक्त होती हैं:
ग्लूकोज ऑक्सीजन के उपयोग के साथ
कार्बन डाइऑक्साइड+जल+ऊर्जा
- ऐसे जीव अवयावीय श्वसन के द्वारा ऊर्जा प्रप्त करते हैं उन्हें अवायवीय जीव कहते हैं|
- अत्यधिक व्यायाम करते समय जब हमारी पेशी - कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति अपर्याप्त होती हैं, तब भोजन का विखंडन अवायवीय श्वसन द्वारा होता हैं|
- ग्लूकोस विखंडन जीव को कोशिकाओं में होता हैं जिसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं|
- शारीरिक सक्रियता के बढ़ने पार श्वसन दर बढ़ जाती हैं|
- पादपों में मूल, मृदा में उपस्थित वायु को ग्रहण करती हैं| पत्तियों में नन्हें छिद्र होते हैं, जिन्हें रंध्र कहते हैं, जिनसे गैंसों का विनिमय होता हैं| पादप कोशिकाओं में ग्लूकोस का विखंडन अन्य जीवों की तरह हो होता हैं|
- अंतः श्वसन या निः श्वसन के समय हमारे फेफड़े विस्तृत होते हैं और उच्छ्वसन के साथ ये अपनी मूल अवस्था में आ सकते हैं|
- गाय, भैंस, कुत्ते और बिल्ली जैसे जीवों में श्वसन अंग और श्वसन प्रक्रम मानव के सामान हो होते हैं|
- साँस लेना श्वसन प्रक्रम का एक चरण हैं, जिसमें जीव ऑक्सीजन समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेता हैं और कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध वायु को बाहर निकालता हैं| गैसों के विनिमय के लिए विभिन्न जीवों में श्वसन अंग भिन्न होते हैं|
- श्वसन सभी जीवों के जीवित रहने के लिए अनिवार्य हैं| यह जीव द्वारा लिए गए भोजन उर्जा को निर्मुक्त करता हैं|