अध्यास - समीक्षा:
- परिसंचरण तंत्र में ह्रदय और रक्त वाहिनियाँ होती हैं|
- शरीर में से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने का प्रक्रम उस्तर्जन कहलाता हैं|
- मछली अपशिष्ट पदार्थ के रूप में अमेनिया उत्सर्जित कराती हैं, जो सीधे जल में घुल जाती हैं|
- पक्षी कीट और छिपकली अर्ध घन रूप में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं|
- पादप मूलों द्वारा जल और पोषक तत्त्व मृदा से अवशोषित होते हैं|
- पूरे पादप में जल के साथ पोषक तत्व जाइलम नामक संवहन ऊतक द्वारा ले जाए जाते हैं|
- लवण और यूरिया जल के साथ स्वेद के रूप में शरीर से बाहर निकाल दी जाते हैं|
- मानव उत्सर्जन तंत्र में दो वृक्क, दो मूत्र वाहिनियाँ, एक मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग होता हैं|
- पादप के विभिन्न भागों का परिवहन फ्लोएम नामक संवहन ऊतक के द्वारा होता हैं|
- वाष्पोत्सर्जन के दौरान रंध्रों से वाष्प के रूप में बड़ी मात्रा में जल का ग्रास होता हैं|
- वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता हैं, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा में से अवशोषित जल अभिकर्षित होकर तने और पत्तियों तक पहुंचता हैं|
- रक्त में प्लैज्मा, लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) और पट्टिकाओं होते हैं| रक्त का लाल रंग, लाल वर्णकयुक्त हिमोग्लोबिन कि उपस्थिति के कारण होता हैं|
- किसी वयस्क व्यकित ह्रदय एक मिनट में लगभग 70 - 80 बार धड़कता हैं| इसे ह्रदय स्पंदन दर कहते हैं|
- मानव शरीर में रक्त, धमनियों और शिराओं में प्रवाहित होता हैं| तथा ह्रदय पंप की तरह कार्य होता हैं|
- धमनियां ह्रदय से शरीर के सभी अन्य भागों में रक्त को ले जाती हैं|
- शिराएँ शरीर के सभी भागों से रक्त को वापस ह्रदय में लाती हैं|
- अधिकांश जंतुओं में शरीर में प्रवाहित होने वाला रक्त शरीर कि विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता हैं| यह शरीर के विभिन्न भागों से उतर्जन के लिए अपशिष्ट पदार्थ को भी लाता हैं|