अध्याय - समीक्षा :
- जब कार्बन डाईऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता हैं, तो यह कैल्शियम कार्बेनेट(CaCO3) के बनने के कारण दूधिया हो जाता हैं|
- खान के सोडे का रासायनिक नाम सोडियम बाईकार्बेनेट या सोडियम कार्बेनेट(NaHCO3)हैं|
- ऐसी दो विधियाँ, जिनके द्वारा लोहे को जंग लगाने से बचाया जा सकता हैंपेंट करना और यशद लेपनहैं|
- ऐसे परिवर्तन भैतिक परिवर्तन कहलाते हैं, जिनमे किसी पदार्थ के केवल भौतिक गुणों में परिवर्तन होता हैं|
- ऐसे परिवर्तन जिनमे नए पदार्थ बनाते हैं,रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं|
- जब नीबूं के रस में खाने का सोडा मिलाया जाता है, तो बुलबुले बनते हैं और गैंस निकलती हैं|
यह एक रासायनिक परिवर्तन हैं|
खाने का सोडा + नीबूं का रस ------------ नमक + कार्बन डाईऑक्साइड +पानी
- जब अम्ल किसी कार्बेनेट के साथ क्रिया करता हैं, तो नमक, कार्बन डाईऑक्साइड और पानी बनता हैं|
- दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि इसमें एक नया (लैक्टिक अम्ल) बनता हैं जो मूल पदार्थ (वसा और प्रोटीन) यानी दूध से स्वाद में भिन्न होता हैं| इसके आलावा परिवर्तन अपरिवर्तन है (दही को दूध मे परिवर्त्तित नहीं किया जा सकता हैं)
- लकड़ी जलना एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि जलने पर लकड़ी राख (कार्बन), कार्बनडाईऑक्साइड गैस, जल वाष्प गर्मी और प्रकाश जैसे नए पदार्था में परिवर्तित हो जाती हैं| इसके आलावा परिवर्तन अपरिवर्तनीय हैं| जबकि छोटे टुकड़ों में लकड़ी कटना एक भौतिक परिवर्तन हैं क्योंकि लकड़ी की मूल संरचना नहीं बदलती हैं| कोई नया पदार्थ नहीं बनता हैं|
- कॉपर सफ्लेट के क्रिस्टल निम्नानुसार तैयार किए जाते हैं
(i)एक बीकर में पानी ले लो और सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें डालें|
(ii) पानी गर्म करें| जब यह उबलने लगे तो इसमें लगातार कॉपर सल्फेट पाउडर डालें|
(iii) संतृप्ति स्तर तक कॉपर सल्फेट पाउडर डालना जारी रखें|
(iv) घोल को छान लें और ठाडा होने के लिए छोड़ दें|
(v) हम कुछ घंटों के बाद कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल का निरीक्षण कर सकते हैं|
- जंग लगाने के लिए, ऑक्सीजन और पानी (या जल वाष्प) दोनों के उपस्थिति के आवश्यकता होती हैं| पेंट की परता हवा और ऑक्सीजन के साथ लोहे के सीधे संपर्क को रोक कर जंग लगाने से बचाता हैं|
- जंग लगाने के लिए, ऑक्सीजन और नमी (जल वाष्प) दोनों की उपस्थिति की आवश्यकता होती हैं| तटीय क्षेत्रों में रेगिस्तान क्षेत्रों (कम आर्द्र) की तुलना में हवा में नमी की मात्रा अधिक (अत्यधिक नम) होती हैं, इसलिए तटीय क्षेत्रों में जंग अधिक लगाती हैं|