अध्याय - समीक्षा:
- तापमान, आर्द्रता, वर्षा, हवा की गति, वायु दबाव आदि मौसम को निर्धारित करने वाले तत्व हैं| क्योंकि इन तत्वों का उपयोग करके किसी स्थान का मौसम निर्धारित किया जा सकता हैं|
- दिन का अधिकतम तापमान आमतौर पर दोपहर में होता हैं जबकि न्यूनतम तापमान आमतौर पर सुबह के समय होता हैं|
- उष्णकटिबंधीय वर्षावन में दिन और रात पूरे वर्ष में लगभग बराबर होते हैं| इन क्षेत्रों का तापमान वर्ष के दौरान 15० C से 40o C के बीच ही रहता हैं| इन क्षेत्रों में भरपूर वर्षा होती हैं| लगातार गर्मी और बारिश के कारण, यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए अत्यधिक अनुकूल हैं| यही कारण हैं कि उष्णकटिबंधीय वर्षावन जंतुओं की विशाल जनसंख्या को आवास प्रदान करते हैं|
- जानवर अपने आप को उन परिस्थितियों के अनुकूल बना लेते हैं| ये अनुकूल विकास की एक लंबी प्रक्रिया के कारण होता हैं| यदि उनके निवास स्थान की तुलना में वे विभिन्न जलवायु परिस्थितियों वाले क्षेत्र में चले जाते हैं, तो उनके लिए जीवित रहना मुश्किल होगा| निम्लिखित उदाहरणों पार विचार करे:
- एक ध्रुवीय भालू की त्वचा के नीचे वसा की मोती परता होती हैं जो गर्मी रोधक का कार्य कराती हैं| यः ध्रुवीय क्षेत्र की अत्यधिक ठंडी जलवायु से भालू की रक्षा करता हैं| ध्रुवीय भालू जीवित नहीं रक्षा सकता हैं अगर उसे गर्म और शुष्क रेगिस्तानी क्षेत्र में लि जाया जाए|
- बन्दर उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहने के लिए अनुकूलित हैं| शाखाओं को पकड़ने के लिए लंबी पूंछ होती हैं| यह ध्रुवीय क्षेत्रों में जीवित नहीं रक्षा सकता हैं|
- इसने कई उल्लेखनीय तरीकों से स्वंय को वर्षावनों की स्थितियों के अनुकूल बनाया हैं| यह अपनी सूंड का उपयोग नाक के रूप में करता हैं जिसके कारण इसमें सूँघने की तीव्र क्षमता होती हैं| भोजन लेने के लिए भी सूंड उपयोग करते हैं| इसके अलावा, इसके संशोधित दो बड़े-बड़े दांत है जो उन पेड़ों की छाल को फाड़ सकते है हाथी खाना पसंद करता हैं इसलिए, हाथी भोजन की प्रतियोगिता में खरा उतरता हैं| हाथी के बड़े कान इसे बहुत धीरे आवाज को भी सुनने में मदद करते हैं| कान हाथी को वर्षावन के गर्म और नम जलवायु में ठंडा रखने में भी मदद करते हैं|