अध्याय-समीक्षा :
- संविधान एक लिखित दस्तावेज है जिसमें किसी देश पर शासन करने के लिए नियम और कानून लिखे होते हैं |
- किसी भी लोकतंत्र को चलाने के लिए संविधान बहुत ही महत्वपूर्ण है |
- 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संविधान सभा के गठन की माँग को पहली बार अपनी अधिकृत नीति में शामिल किया।
- दिसंबर 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया।
- दिसबंर 1946 से नवंबर 1949 के बीच संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए नए संविधान का एक प्रारूप तैयार किया।
- 1990 में बना नेपाल का पिछला संविधान इस सिद्धांत पर आधारित था कि शासन की सर्वोच्च सत्ता राजा के पास रहेगी।
- भारतिय संविधान में नागरिकों को दिए गए सभी बुनियादी अधिकारों को मौलिक अधिकार कहा जाता है |
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भारत के संविधान में नागरिकों को छः मौलिक अधिकार दिए गए है ।1. समता का अधिकार2. जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार3. शोषण का के विरुद्ध अधिकार4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार5. शिक्षा और संस्कृति का अधिकार6. संवैधानिक उपचार का अधिकार
- नेपाल के लोग कई दशक से लोकतंत्र की स्थापना के लिए जनांदोलन करते चले आ रहे थे। इसी संघर्ष के फलस्वरूप 2006 में आखिरकार उन्हें राजा की सत्ता को खत्म करने में कामयाबी मिल गई |
- राष्ट्रपति भारत का मुखिया होगा तथा प्रधानमंत्री केन्द्रिय सरकार का मुखिया होगा ।
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भारतीय संविधान के मुख्य मुल्य हैं- 1. लोकतंत्र, 2. न्याय, 3. स्वतंत्रता, 4. समता, 5. बंधुत्व, 6. धर्मनिरपेक्षता, 7. समाजवाद ।
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भारत का संविधान बहुमत के साथ साथ अल्पमत को भी सुरक्षा एवं अधिकार देता है।
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निर्भिक होकर सभी नागरिक समाचार प़त्र, रेडियों और इंटरनेट आदि के माध्यम से सरकार और सरकार के कार्य और विभिन्न मामलों पर अपनी राय दे सकता हैं । कला के प्रयोग द्वारा अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति दे सकता है । जिसकी सीमाएँ है । वह किसी की भावनाओं को ठेस नहीे पहुँचा सकता और हिंसा नहीं भडका सकता । ऐसी स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा जाता है।
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अल्पसंख्यकों को किसी ऐसी चीज से वंचित न किया जाए जो बहुसंख्यकों के लिए सामान्य रूप से उपलब्ध है। \
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अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों की इस निरंकुशता या दबदबे पर प्रतिबंध लगाना भी संविधान का महत्त्वपूर्ण कार्य है। यह दबदबा एक समुदाय द्वारा
दूसरे समुदाय के ऊपर भी हो सकता है जिसे अंतर-सामुदायिक (Intra-community) वर्चस्व कहते हैं, या फिर एक ही समुदाय के भीतर कुछ लोग दूसरों को दबा सकते हैं, जिसे अंतःसामुदायिक (Intra-community) वर्चस्व कहते हैं। -
केन्द्रिय तथा राज्य सरकार को अलग अलग विषयों पर कानून बनाने का अधिकार हैं ।