अध्याय-समीक्षा
- किसी निश्चित उदेश्य की पुर्ति के लिए वनों को समुल नष्ट कर देना वनोन्मुलन कहलाता है|
- वनोन्मुलन के निम्नलिखित परिणाम हो सकता है। (i) इससे पृथ्वी पर ताप और प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती हैं । (ii) इससे वायुमंडल में कार्बनडाइआॅक्साइड जैसे ग्रीन हाउस गैस का स्तर बढता है। (iii) भौम जल का स्तर कम हो जाता है।(iv) वनोन्मुलन से प्राकृतिक संतुलन प्रभावित होता है।
- पृथ्वी के ताप में वृद्धि से जलचक्र का संतुलन बिगडता है और वर्षा दर में कमी आती है जिसके कारण सूखा पडता है।
- कार्बनडाइआॅक्साइड गैस पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरणों को ग्रहण कर लेता है ।
- धीरे धीरे ऊर्वर भूमी मरूस्थल में परिवर्तित हो जाने के प्रक्रम को मरूस्थलीकरण कहते है।
- वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं ।
- प्राणीजात: किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधें , जंतुओं और सुक्ष्मजीवों की विभिन्न प्रजातियाँ आदि प्राणीजात कहलाती हैं ।
- वनस्पतीजात: किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतीजात कहलाते है।
- पौधे एवं जन्तुओं की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में विशेष रूप से पाई जाती है। उसे विशेष क्षेत्री स्पीशीज कहते है।
- यदि किसी जंतु का आवास बाधित हो तो उस जंतु का अस्तित्व ही खतरे में पड जाएगा। और धीरे धीरे उस जीव की प्रजाति ही विलुप्त हो जाएगी।
- संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए भी पूर्ण रूप से सूरक्षित नहीं है क्योंकि इनके आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनोें का अतिक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देते है |
- भारत का प्रथम आरक्षित वन सतपुडा राष्ट्रीय उद्यान है |
- प्रोजेक्ट टाइगर या बाध परियोजना: इस परियोजना का उदेश्य बाघों को संरक्षण प्रदान करना और अपने देश में बाघों की उतरजीविता एवं संवर्धन करना है।
- वे जीव जो धीरे धीरे विलुप्त होते जा रहे है संकटापन्न जंतु कहलाते है।
- किसी क्षेत्रा के सभी पौधे , प्राणी एवं सूक्ष्मजीव अजैव घटकों जैसे जलवायु , भुमी , नदी आदी संयुक्त रूप से एक तंत्रा का निर्माण करती है जिसे परितंत्र कहते है |
- जलवायु , भुमी , नदी आदी को अजैव घटक कहते है।
- सभी पौधे , प्राणी एवं सूक्ष्मजीवों को जैव घटक कहते है।
- रेड डाटा पुस्तक वह पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीजों का रिकार्ड रखा जाता है।
- प्रवास वह परिघटना है जिसमें किसी स्पीशीश का अपने आवास से किसी अन्य आवास में हर वर्ष की विशेष अवधि में, विशेषकर प्रजनन के लिए आते है।
- यदि मिट्टी की उपरी परत अनावरित हो जाएगी तो मिट्टी की उपजाउफता पुरी तरह समाप्त हो जाएगी ।
- जैव विविध्ता जीवों या स्पीशीज की जीवन की उतरजीविता को बनाए रखने में सहायक है । जैव विविधता से ही जीव विषम जलवायु में अपने विभिन्न किस्मों (स्पीशीजद) को बचा पाते है। अतः हमें जैव विविधता का संरक्षण करना चाहिए। जैव विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से ही जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
- जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र: वन्य जीवन, पौधें और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।
- स्पशीज: सजीवों की समष्टि का वह समूह है जो एक दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं।
- अभ्यारण्य: वह क्षेत्रा जहाँ जंतु एवं उनवेफ आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।
- राष्ट्रीय उद्यान: वन्य जंतुओं वेफ लिए आरक्षित क्षेत्रा जहाँ वह स्वतंत्रा ;निर्बाध्द्ध रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाध्नों का उपयोग कर सकते हैं।