पाठ- 2
मुख्य बिन्दुएँ :
- ‘संसाधन वेफ रूप में लोग’ अध्याय जनसंख्या की, अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में, व्याख्या करने का प्रयास है।
- बेरोजगारी-बेरोजगारी उस समय विद्यमान कही जाती है जब प्रचलित मजदुर कि दर पर काम करने के इच्छुक लोग रोजगार नही पा सकते |
- आर्थिक-धन या आय कमाने के उद्देश्य से की गई क्रियाएँ आर्थिक क्रियाएं कहलाती हैं |
- गैर-आर्थिक क्रियाएं- अन्य उदेश्यों जैसे प्यार, सहानुभूति, कर्तव्य, देशप्रमे के लिय कि जाने वाली क्रियाएँ गैर-आर्थिक क्रियाएँ कहलाती है |
- संसाधन के रूप में लोग - संसाधन के रूप में लोग से अभिप्राय देश के कार्यशील लोग है जिनमे निपुणत तथा योग्यता है | संसाधन के रूप में लोग सकल राष्ट्रीय उत्पाद में योगदान देते है | संसाधन के रूप में लोग एक बड़ी जनसंख्या का सकरात्मक पक्ष है जिसका प्राय: अवहेलना की जाती है |
- सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Products): देश के नागरिकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले श्रम और संपत्ति द्वारा एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य है।
- भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक जनसंख्या की पहुँच की समस्याओं पर विचार करते समय। जब इस विद्यमान मानव संसाधन को और अधिक शिक्षा तथा स्वास्थ्य द्वारा और विकसित किया जाता है, तब हम इसे मानव पूँजी निर्माण कहते हैं, जो भौतिक पूँजी निर्माण की ही भाँति देश की उत्पादक शक्ति में वृद्धि करता है।
- मानव पूँजी में निवेश शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवा के द्वारा की जाती है |
- मानव पूँजी को अधिक शिक्षित या बेहतर प्रशिक्षित लोगों की उच्च उत्पादकता के कारण होने वाली अधिक आय और साथ ही अधिक स्वस्थ लोगों की उच्च उत्पादकता के रूप में इसे प्रत्यक्षतः देखा जा सकता है।
- मानव पूँजी एक तरह से अन्य संसाधनां जैसे, भूमि और भौतिक पूँजी से श्रेष्ठ है, क्योंकि मानव संसाधन भूमि और पूँजी का उपयोग कर सकता है। भूमि और पूँजी अपने आप उपयोगी नहीं हो सकते।
- व्यक्ति जैसे शेयरों तथा बांडों में भविष्य में उच्च प्रतिफल की आशा से निवेश करता है। ठीक उसी तरह मानव संसाधन में निवेश जैसे शिक्षा और चिकित्सा सेवा के द्वारा निवेश से भविष्य में उच्च प्रतिफल प्राप्त हो सकते हैं। लोगों में यह निवेश भूमि और पूँजी में निवेश की ही तरह है।
- जापान जैसे देश के पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं था परन्तु वह अपने देश में मानव संसाधन पर निवेश किया है | जापान ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर भरपूर निवेश किया है जिससे उसके लोगों में कुशलता के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का विकास हुआ है |
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों से परिवार में महिलाओं और पुरुषों के बीच श्रम का विभाजन होता है। आमतौर पर महिलाएँ घर के काम-काज देखती हैं और पुरुष खेतों में काम करते हैं।
- श्रम-बाजार में किसी व्यक्ति की आय उनकी शिक्षा और कौशल के आधार पर निर्धारित की जाती है |
- शिक्षा व्यक्ति के उपलब्ध आर्थिक अवसरों के बेहतर उपयोग में सहायता करती है। शिक्षा और कौशल बाजार में किसी व्यक्ति की आय का प्रमुख निर्धारक हैं।
- पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को कम पारिश्रमिक दिया जाता है।
- श्रम-बाजार के दो क्षेत्रक है - (1) संगठित क्षेत्रक और (2) असंगठित क्षेत्रक
- अधिकतर महिलाएँ असंगठित क्षेत्रक में काम करती है, जहाँ नौकरी की सुरक्षा नहीं होती तथा कानूनी सुरक्षा का अभाव है। अनियमित रोजगार और निम्न आय इस क्षेत्रक की विशेषताएँ हैं। इस क्षेत्रक में प्रसूति अवकाश, शिशु देखभाल और अन्य सामाजिक सुरक्षा तंत्र जैसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होतीं।
- संगठित क्षेत्रक में शिक्षण और चिकित्सा उन्हें सबसे अधिक आकर्षित करती है।